THE BASIC PRINCIPLES OF SHABAR MANTRA

The Basic Principles Of shabar mantra

The Basic Principles Of shabar mantra

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ॐ सौ सौ दुता समुन्दर टापू, टापू में थापा सिंहासन पीला । संहासन पीले ऊपर कौन बसे । सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बसे, बगलामुखी के कौन संगी कौन साथी । कच्ची-बच्ची-काक-कूतिया-स्वान-चिड़िया, ॐ बगला बाला हाथ मुद्-गर मार, शत्रु हृदय पर सवार तिसकी जिह्वा खिच्चै बाला । बगलामुखी मरणी करणी उच्चाटण धरणी, अनन्त कोट सिद्धों ने मानी ॐ बगलामुखी रमे ब्रह्माण्डी मण्डे चन्दसुर फिरे खण्डे खण्डे । बाला बगलामुखी नमो नमस्कार ।

The concluding A part of the Mantra incorporates the phrase ‘Niranjanatmane,’ which denotes the ‘pure or unblemished soul’, referring to Gorakhnath’s pure spiritual essence.



यह प्रयोग जो लघुतम है, आसान है तथा शीघ्र फलप्रद है

प्रबल शत्रु मर्दन शाबर मन्त्र प्रयोग

Shabar Mantras, recognized for their simplicity and ability, present A variety of benefits when chanted with faith and intention. Here are a few on the opportunity benefits:

Unify Cosmos is devoted to seed the favourable aspects in Everybody lifestyle and we do this as a result of advertising of spiritual initiatives.

मंत्र : ॐ ह्रीं स्त्रीं फट्, ॐ ऐं ह्रीं स्त्रीं हूँ फट्।

These mantras are popular while in the villages of India and individuals have been applying them for ages. They're auspicious and blessed and will help you to attain prosperity and prosperity for your family and in addition secure you In the end.

This may help you get paid more money and revenue in your small business as well as other endeavours. Procrastination can be eradicated, and an energetic, productive everyday living is formulated.

To gain another person’s coronary heart: If you need another person to slide in really like with you, You'll be able website to use this mantra to woo this particular person and get his/her coronary heart. It may even enable you to to get extensive dropped love and achieve a satisfying love life.

As we rest peacefully, an individual can be intending to burglarize our home. Chanting the mantra ahead of we slumber will keep us protected from these unscrupulous components together with other destructive resources.

जिस समय योगी गोरखनाथ का जन्म हुआ उस समय देश में कई मत प्रचलित हो चुके थे

ॐ सती भैरवी भैरो काल यम जाने यम भूपाल तीन नेत्र तारा त्रिकुटा, गले में माला मुण्डन की । अभय मुद्रा पीये रुधिर नाशवन्ती ! काला खप्पर हाथ खंजर कालापीर धर्म धूप खेवन्ते वासना गई सातवें पाताल, सातवें पाताल मध्ये परम-तत्त्व परम-तत्त्व में जोत, जोत में परम जोत, परम जोत में भई उत्पन्न काल-भैरवी, त्रिपुर- भैरवी, समपत-प्रदा-भैरवी, कौलेश- भैरवी, सिद्धा-भैरवी, विध्वंशिनी-भैरवी, चैतन्य-भैरवी, कमेश्वरी-भैरवी, षटकुटा-भैरवी, नित्या-भैरवी, जपा-अजपा गोरक्ष जपन्ती यही मन्त्र मत्स्येन्द्रनाथजी को सदा शिव ने कहायी । ऋद्ध फूरो सिद्ध फूरो सत श्रीशम्भुजती गुरु गोरखनाथजी अनन्त कोट सिद्धा ले उतरेगी काल के पार, भैरवी भैरवी खड़ी जिन शीश पर, दूर हटे काल जंजाल भैरवी मन्त्र बैकुण्ठ वासा । अमर लोक में हुवा निवासा ।

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